इण पेपर रो नांव 'काव्यशास्त्र अर पाठालोचन' है। इण मांय कुल पांच इकाई हुवै। हरेक इकाई सूं एक सवाल हुवै (अथवा मांय एक विकल्प दीरीजै)। हरेक सवाल 20 अंक रो हुवै, इण गत पेपर 100 अंक रो हुयो जको तीन घंटां मांय हल करणो पड़ै।
1. साहित्य शास्त्र, 2. भारतीय काव्य शास्त्र, 3. पाश्चात्य काव्यशास्त्र, 4. राजस्थानी काव्यशास्त्र, 5. पाठालोचन सिद्धांत अर प्रक्रिया इकाई बणै।
लारलै बरसां रा बीकानेर विश्वविद्यालय रा पेपर -
2012
2011
2010
2009
1. काव्य प्रयोजन नै समझावतां इण बाबत न्यारा-न्यारा आचार्या रा कांई मत रह्या है ? विगतवार समझावौ।
अथवा
कवि री प्रतिभा काव्य हेतु रो आधार कियां है ? ठोस आधारां सूं जुड़्यो जवाब लिखौ।
2. साधारणीकरण नै समझावतां न्यारा-न्यारा विद्वानां री टिप्पणियां नै मांड'र लिखौ।
अथवा
काव्य में अलंकारां री कांई भूमिका है ? अलकांरां नै काव्य रो आवश्यक अंग मान्यो जा सकै'क नीं ? समझावौ।
3. क्रोंचे रै अभिव्यंजनावाद री सरल व्याख्या करौ।
अथवा
अरस्तू रै अनुकरण सिद्धांत रो खुलासो करो।
4.राजस्थानी अलंकार 'वैण-सगाई' रो अरथ, परिभाषा, भेद समझावतां राजस्थानी काव्य-परम्परा में इणरै प्रयोग रो कांई महत्व रह्यो है ? खुली विवेचना करो।
अथवा
राजस्थानी काव्य शास्त्र रा किणी चार काव्य-दोषां रो उदाहरण साथै परिचय देवौ।
5. पाठोलचन पद्धति नै समझावतां इण बात रो खुलासो करो'क इण पद्धति सूं किण भांत मूल पाठ तक पूग्यो जा सकै ?
अथवा
'पाठ-संपादन एक संपूरण वैग्यानिक पद्धति है।' इण कथन री विगतवार व्याख्या करो।
2008
1. काव्य प्रयोजन रो कांई अर्थ है। इण संबंध में आचार्यां रा बतायोड़ा मतां रो विस्तार सूं विवेचन करो।
अथवा
साहित्य रै सरूप बाबत भारतीय अर पाश्चात्य आलोचकां रै मत री समीक्षा करो।
2. वक्रोक्ति रै सरूप नै समझावतां थकां इणरै प्रमुख भेदां रो उदाहरण साथै परिचै देवौ।
अथवा
ध्वनि मत री व्याख्या करतां थकां ध्वनि रा भेद-प्रभेद लिखौ।
3. अरस्तू रै विरेचन सिद्धांत री विवेचना करो।
अथवा
आई.ए. रिचर्डस रो मूल्य सिद्धांत कांई है ? इणनै विस्तार सूं विश्लेषित करौ।
4. राजस्थानी छंदशास्त्र रो परिर्च देवो अर बताओ के छंदां रो काव्य में काई महत्व है ?
अथवा
नीचै लिख्या काव्य-दोसां री परिभासा उदाहरण साथै लिखौ-
पांगलो, बहरो, अमंगल, निनंग।
5. पाठालोचन कांई है अर इण रै आधार माथै किणी पांडुलिपि री प्रामाणिकता री जांच किण तरै सूं करी जावै।
अथवा
पाठालोचन री प्रक्रिया नै समझाय'र लिखो।
2007
1. साहित्य री परिभाषा देंवतां थकां उणरै भेदां रो बरणन करौ।
अथवा
''जीवन रै प्रति साहित्य री दीठ साहित्य रो सरूप निर्धारित करै।'' इण कथन रौ खुलासौ करौ।
2. रस रो स्वरूप अर रस निष्पति री व्याख्या करौ।
अथवा
साधारणीकरण री परिभासा लिखतां थकां उणरी विस्तार सूं व्याख्या करो।
3. क्रोंचे रै अभिव्यंजनावाद रो खुलासो करो।
अथवा
अरस्तु रो अनुकरण सिद्धांत कांई है ? इण सिद्धांत रो काव्य मांय कांई महत्व है ?
4. राजस्थानी छंदशास्त्र रो परिचै देंवतां थकां राजस्थानी काव्य रा प्रमुख छंदां री ओळखांण करावो।
अथवा
काव्यदोष री परिभाषा देंवतां थकां 'छबकाळो', 'पांगळो', 'निनंग', 'बहरो' अर 'अमंगळ' काव्य दोष माथै खरी टीप लिखौ।
5. पाठालोचन रो अर्थ अर महत्व बताओ।
अथवा
पाठालोचन री विधि रो खुलासौ करौ।