एम.ए. फाइनल चौथौ पेपर

इण पेपर रो नांव 'विशिष्‍ट साहित्‍यकार' है। सलेबस (पाठ्यक्रम) मांय तीन साहित्‍यकारा राखीज्‍या है। महाराजा चतुरसिंह, ईसरदास बारहठ, जनकवि गणेशलाल व्‍यास उस्‍ताद। इणां मांय परीक्षार्थी नै एक साहित्‍यकार रो चयन करणो पड़ै।

पेपर मांय 5 सवाल हुवै। पैलो सवाल व्‍याख्‍या रो हुवै। पैलै सवाल मांय कुल 4 व्‍याख्‍या (अथवा मांय एक विकल्‍प) हुवै, हरेक व्‍याख्‍या 9 अंक री हुवै। इण गत ओ पैलो सवाल 36 अंक रो हुयो।
बाकी च्‍यारूं सवाल 16-16 अंक रा हुवै। इणगत पेपर 100 अंक रो हुवै। अवधि 3 घंटां हुवै।

बीकानेर विश्‍वविद्यालय रै इण पेपर मांय जनकवि गणेशलाल व्‍यास उस्‍ताद रै पेपर रा कीं नमूना अठै दीरीजै-

2007 
1. सप्रसंग व्‍याख्‍या करौ-

2. जनकवि उस्‍ताद रै जीवण परिचै अर व्‍यक्तित्‍व री ओळखाण करावौ।
अथवा
उस्‍ताद रै जीवण चरित्र माथै एक समीक्षात्‍मक लेख लिखौ।

3.  'मैणत, मजूरी अर करसाण ई कवि रो इस्‍ट हो।' इण भाव री रचनावां नै आधार बणा'र उगति नै समझावौ।
अथवा
''उस्‍ताद भांत-भांत सूं अबूझ मानखां री आंख्‍यां चानणौ करयो।'' इण कथन नै सांगोपांग रूप सूं उजागर करौ।

4. ''आजादी रै बाग में जूंझार पसीनो पाजै रे'' आं ओळ्यां सूं कवि भारत री जनता नै कांई भुळावण देवणी चावै ? रचनावां रा दाखलां सूं खुलासौ करौ।
अथवा
''लोही सूं नदियां कर राती सूरानर न्‍हावै छै काती'' लोक संस्‍कृति अर लोक उदाहरणां सूं कवि सूरापै रा बखाण घणीई ठौड् माथै करया है। उदाहरणां सूं खुलासौ करौ।



5. 'अरजुण वाळी आंख रै ज्‍यूं' उस्‍ताद नै मानखै री दोवड़ी गुलामी टाळ कीं निजर नीं आयौ। कवि री रचनावां में अै भाव सुमर लखावै, उदाहरणां सूं समझावौ।
अथवा
गणेशलाल व्‍यास उस्‍ताद नै जनकवि रो दरजो क्‍यूं  मिल्‍यौ ? कांई वै सांचै अरथ में एक जनकवि हा ? समझावौ कै आपरा विचार राखौ।

2008 
 1. सप्रसंग व्‍याख्‍या करौ-
(क) समदर तोलै झाळ कनातै...हाळां रा पण हाथ।।
अथवा
आ जनकवि री जुगवाणी.... समचै साच सुणांणी।।

(ख) बंदा हिम्मत री जय बोल.... भारी तोल।
अथवा
तन तगड़ौ भरी जवांनी..... नौबत बाजी।।

(ग)धमक धमक धम धुरै....जुड़ै किनारो।।
अथवा
जन जन रै मन हेत चाहीजै ... गंडक चीता।।

(घ) आ दुनिया जड़ सूं सड़गी.... जग नै मरवासी।
अथवा
अै जाय जठै जुग जावै.... हरजानो दयौ।।

2. उस्‍ताद कलम रा सिपाही हा। इण बात माथै एक लेख लिखौ।
अथवा
उस्‍ताद रै जीवण री अबखायां माथै लेख लिखौ।

3. 'उस्‍ताद रै सिरजण रौ सरोकार मानखो हो।' इण कथन री समीक्षा करो।
अथवा
'उस्‍ताद इंकलाब री आवाज रो कवि हो।' सिद्ध करो।

4. उस्‍ताद लोक रंग रा कवि है।'' इण कथन री समीक्षा करो।
अथवा
''उस्‍ताद री कविता व्‍यवस्‍था विरोध रै सुर सूं सरोबार है।'' इण कथन माथै एक लेख लिखो।

5. ''उस्‍ताद री कविता जुग री जनवांणी है।'' खुलासो करो।
अथवा
उस्‍ताद रै नारी जागरण बोध माथै एक लेख लिखो।

2009
1. सप्रसंग व्‍याख्‍या करो-
(क) क्रोड कंठ हुंकार करै----- भुज भेळप रो भांन है।
अथवा
नवै मिनख री निजरां आगै------कठण काम री जै बोलौ।
(ख) करमां री लकीरां नै कायर---------कुण मूरख परखासी।
अथवा
एलकार री चाल दुरंगी------- जुग पसवाड़ौ लीन्‍हौ।
(ग) बराबरी रौ आज जमांनौ.......साथियां जागण रौ दिन आयौ।
अथवा
सूतां सैंग पीढियां बीती--------बिरथा जावै छै जमारौ।
(घ) अरे मानखा, इण जुग-------- दो हाथ मजूरी-काम घणो, धरती धीणो है।
अथवा
ओ रे उरजण, डर मत भाई----- आ दीवट आगै ले जाही।

2. गणेशलाल व्‍यास उस्‍ताद सदा निबळां रो जस गायो।'' कवि री रचनावां री बानगी देंवतां थकां इण कथन रो सांच परतख करो।
अथवा
गणेशलाल व्‍यास रै काव्‍य री भाषायी दीठ सूं कूंत करो।

3. जनकवि री जुगवांणी कांई संदेस देवै ? जन-चेतना जगावण वाळा कवि रा भावां नै आपरै सबदां मांय लिखो।
अथवा
जनकवि गणेशलाल व्‍यास रै काव्‍य रो कांई उद्देश्‍य हो ? उदाहरणां रै समचै समझावौ।

4. ''उस्‍ताद री रचनावां मांय नारी -चेतना री भावना रा दरसण भी हुवै।'' इण कथन री साखी में जनकवि री नारी-चेतना री भावना जगावण वाळी रचनावां रो वरणन करो।
अथवा
उस्‍ताद री रचनावां मांय राजनीतिक दीठ रो खुलासो करो।

5. उस्‍ताद री कलम आजादी रै पछै किण सारू संघर्ष करयो ? उदाहरण देंवतां थकां समझावो।
अथवा
मैणत, मजूरी, करसण ई कवि उस्‍ताद रो इस्‍ट हो। किण भांत ? कवि री रचनावां समचै समझावो।